बद्दी — बद्दी-बरोटीवाला व नालागढ़ के लोगों की बाइक चुराने वाले यूपी के शातिर लुटेरों को पुलिस ने कड़ी मेहनत से तो धर दबोचा, लेकिन वह उनको पांच दिन से ज्यादा अपने यहां नहीं रख सकी। लोगों का कहना है कि अगर बद्दी हवालात की सलाखों की दीवारें इतनी कच्ची हैं, तो यहां की पुलिस की मुस्तैदी कितनी होगी, इस पर सवाल अवश्य उठेंगे। आरोपियों ने हवालात की जंजीरें तोड़कर पुलिस को ओपल चैलेंज दे दिया है। बीबीएन में कैदी भागने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी सन् 2006 में बरोटीवाला पुलिस की दीवारों में सेंध लगी थी और उस समय पंजाब का एक कैदी पुलिस का सुरक्षा चक्र भेदने में सफल हो गया था। उस समय कैदी ने एक हैक्सा ब्लेड से बरोटीवाला पुलिस स्टेशन के पुरुष बंदी गृह को काट कर भागने में सफलता पाई थी। सोलन के तत्कालीन एसपी ज्ञानेश्वर सिंह ने तत्काल इस घटना के बाद बरोटीवाला थाने में डेरा डाल लिया था। तब उन्होंने थाना प्रभारी व अन्य पुलिस कर्मचारियों को स्पष्ट आदेश दिए थे कि जब तक तुम फरार कैदी को पकड़ नहीं लाते, तब तक वह सोलन नहीं जाएंगे। इसके बाद पुलिस हरकत में आई, तो अगले ही दिन कैदी सलाखों के पीछे था। बद्दी पुलिस शायद उस पांच साल पुरानी घटना को भूल चुकी थी, तो अपराधी भी ज्यादा हाईटेक हो चुके हैं। गुरुवार रात्रि बद्दी थाने से यूपी के दो शातिर लुटेरों के फरार होने से यह भी साबित हो गया है कि हिमाचल के थानों में अभी भी इतना दम नहीं है कि वे क्रिमिनल के लिए असली बंदी गृह साबित हो सकें। इसके पीछे भी पुलिस प्रशासन थानों की आधुनिकता को दोष दे रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अंग्रेजों की जेलों का लोहा इतना मजबूत होता था कि उसका दरवाजा खोलना मुश्किल होता और तोड़ना तो नामुमकिन। यूपी के दो शातिर बाइक चोर भाइयों ने पुरुष बंदी गृह के शौचालय की फ्लश को पानी पहुंचाने वाले छोटे पाइप को उखाड़ कर रात गहराते ही ताले को एक झटके में झटक दिया और ड्यूटी पर तैनात लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी। कैदियों ने भागने के लिए दूसरी मंजिल से छलांग लगाने में भी हिचकिचाहट नहीं दिखाई। वहीं दूसरी ओर वर्तमान एसपी बद्दी गुरदेव शर्मा ने भी भरोसा दिलाया है कि जेल तोड़कर फरार हुए सगे भाइयों को शीघ्र ही पकड़ लिया जाएगा, चाहे हमें कुछ भी करना पड़े।
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