Wednesday 11 May 2011

नशे में टल्ली ससुर ने ही उजाड़ दी मांग Nahan

Nahan — श्रीरेणुकाजी के चूली गांव के शमशेर सिंह ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसका पालन हार ही उसके खून का प्यासा होगा। चूली गांव की 32 वर्षीय धनमंति ने कल्पना भी नहीं की थी कि जिस बाप ने बड़े शानो शौकत से अपने बड़े बेटे का विवाह उसके साथ किया था, वही बाप उसकी मांग का सिंदूर छिनेगा। बुधवार सुबह साढ़े पांच बजे धनमंति को जैसे ही खबर मिली कि ससुर ने उसके पति शमशेर सिंह को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया है, तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। रोती-बिलखती धनमंति जब मौके पर पहुंची तब तक उसके सुहाग के प्राण पखेरू उड़ चुके थे। वहीं शमशेर सिंह के बच्चों 11 वर्षीय रेणु कुमारी, आठ वर्षीय विनोद व पांच वर्षीय अंजलि को क्या पता था कि बचपन में ही उनके सिर से बाप का साया उठ जाएगा। तीनों बच्चों व मां का रो-रोकर बुरा हाल है। धनमंति ने बताया कि उसे क्या मालूम था कि नशा एक दिन उसका परिवार उजाड़ देगा। गौर हो कि मृतक शमशेर सिंह का कातिल बाप बुधवार सुबह एक शादी समारोह से नशे में धुत्त होकर आया था तथा घर पहुंचते ही उसकी बेटे के साथ कहासुनी हो गई। हल्की कहासुनी बातों-बातों में ही मौत का कारण बन गई। आलम यह था कि नशे में धुत्त बाप अपनी सुध-बुध खो बैठा और अपने ही खून पर बंदूक तान बैठा। मगर मृतक के बाप रणवीर सिंह को बेटे की मौत का जरा भी मलाल नहीं है। बेटे को मौत के घाट उतारने के बाद रणवीर सिंह बंदूक को मौका-ए-वारदात पर छोड़कर सीधा पुलिस थाने पहुंचा तथा पुलिस के समक्ष अपना जुर्म कबूल कर आत्मसमर्पण किया। अब तीनों बच्चों को ग्रामीण ही ढाढस बंधा रहे हैं, मगर विधवा मां को जहां पति के खोने का गम है, वहीं उसे तीन बच्चों के भविष्य की फिक्र सता रही है। धनमंती बताती है कि आज के युग में बिना पति के साए के तीन बच्चों का लालन-पालन करना पहाड़ जैसा है। जानकारी के मुताबिक मौत का कारण जहां बाप-बेटे के बीच चल रहा जमीनी विवाद बताया जा रहा है वहीं नशा भी इसका दूसरा सबसे बड़ा कारण है। यदि रणवीर सिंह नशे में धुत्त न होता तो शायद ही वह अपने जवान बेटे के सीने पर बंदूक तानता।
May 12th, 2011

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