बद्दी — पड़ोसी राज्यों की सीमाओं पर बैठे हिमाचली उद्योगों व स्थानीय लोगों के लिए एक अच्छी खबर है कि आबकारी एवं कराधान विभाग ने अब उनकी बाहरी नंबरों की गाडि़यों को रियायती टोल टैक्स पास देने की बात स्वीकार कर ली है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े उद्योग संघ बीबीएन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने लंबी लड़ाई लड़ी और विभिन्न अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया गया था। गौरतलब है कि इस बार आबकारी एवं कराधान द्वारा बनाई गई नई टोल पालिसी में यह दर्शाया गया था कि पड़ोसी राज्यों से सटे उन हिमाचली वाहनों को रियायती पास नहीं मिलेंगे, जिनके नंबर बाहरी राज्यों के होंगे। ऐसे निजी वाहनों को रोजाना टोल बैरियर पर 30 रुपए की पर्ची कटवाने की हिदायत दी गई थी। सरकार के इस जनविरोधी निर्णय से प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के उद्योगपतियों व स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया और लोग आबकारी एवं कराधान विभाग के खिलाफ धरना देने पर उतारू हो गए थे। बीबीएन उद्योग संघ के संगठन सचिव अश्वनी शर्मा व मीडिया प्रभारी संजय खुराना ने बताया कि इस ज्वलंत मुद्दे को लेकर संगठन के अध्यक्ष राजेंद्र गुलेरिया तथा मुख्य सलाहकार दीपक भंडारी विभाग के प्रधान सचिव को शिमला में मिले। उन्हांेने आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव को बताया कि बहुसंख्यक उद्यमी व उनके अधिकारी तथा कर्मचारी पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ में रहते हैं और बीबीएन के लिए रोजाना अप डाउन करते हैं। इसमें से अधिकांश ने अपने वाहन भी पड़ोसी राज्यों में ही पंजीकृत करा रखे हैं। राजेंद्र गुलेरिया ने कहा कि नए नियम से न केवल उद्यमियों को दिक्कतें आएंगी, बल्कि बैरियरों पर लंबे-लंबे जाम भी लगेंगे। इसके बाद विभाग ने अपनी पॉलिसी में संशोधन करते हुए सभी संबंधित ईटीओ व बैरियर ठेकेदारों को आदेश जारी कर दिए कि वह उन सभी उद्योगपतियों व स्थानीय वाहन मालिकों को सालाना रियायती पास जारी करे, जिनके नंबर चाहे किसी भी बाहरी राज्य में पंजीकृत हो। बीबीएन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने इस संशोधन के लिए मुख्यमंत्री व प्रधान सचिव आबकारी का आभार जताया है। इस अवसर पर सीएन धर, विजय अरोड़ा, अश्वनी शर्मा, यशवंत गुलेरिया, राजेश बंसल, विपिन गुप्ता, करुण कश्मीरी व मुकेश जैन भी उपस्थित थे। बहरहाल आबकारी एवं कराधान विभाग ने अब उनकी बाहरी नंबरों की गाडि़यों को रियायती टोल टैक्स पास देने की बात स्वीकार कर ली है।
March 25th, 2011
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