Saturday 9 April 2011

टिपरा में कालोनी सर्वे पर ग्रामीण उग्र

बद्दी — ग्राम पंचायत बरोटीवाला के तहत गांव टिपरा में प्रवासी कालोनी बनाने को लेकर एसडीएम नालागढ़ व राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा किए सर्वे को लेकर साथ लगते गांव के लोगों ने आंदोलन की ठान ली है और इसे रोकने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। गांव लोअर टिपरा, अपर टिपरा, लोअर सैंसीवाला, अपर सैंसीवाला, जेाहड़ापुर, अपर व लोअर कुल्हाड़ीवाला के लोगों जसवंत सिंह चौधरी, रामनाथ, रामरतन, राम सिंह मोहन लाल, जगदीश मेहता व बबलू समेत अनेक लोगों का कहना है कि टिपरा में बनाई जा रही प्रवासी मजदूर कालोनी के विरोध में 18 मार्च, 2010 को एक प्रतिनिधिमंडल दून की विधायक विनोद चंदेल के नेतृत्व में मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से मिला था व टिपरा में प्रवासी मजदूर कालोनी बनाने का जोरदार विरोध प्रकट किया था। मुख्यमंत्री ने भी लोगों को आश्वासन दिया था कि टिपरा में प्रवासी मजदूर कालोनी नहीं बनाई जाएगी, परंतु एक वर्ष बाद फिर विभाग ने लोगों को बिना विश्वास में लिए सात मार्च को एसडीएम नालागढ़ व राजस्व विभाग के साथ इस क्षेत्र का दौरा किया। उपरोक्त लोगों का कहना है कि अगर लोगों के विरोध के बावजूद यहां प्रवासी मजदूर कालोनी बनाई गई, तो मजबूरन उन्हें आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा, परंतु किसी भी कीमत पर यहां प्रवासी मजदूर कालोनी नहीं बनने दी जाएगी। उपरोक्त लोगों का कहना है कि गांव टिपरा में खसरा नंबर 220, 423, 428 जो कि 42 बीघे का रकबा है, में प्रदेश सरकार द्वारा प्रवासी मजदूर कालोनी बनाने की योजना है। पशुओं के लिए चरने, बच्चों के लिए खेलने, जहां शाम को महिलाएं घूमने आदि के लिए जाती हैं, अगर यहां प्रवासी मजदूर कालोनी बनाई गई, उससे जहां उपरोक्त गांवों के लोगों को अपने घरों मंे दुबक कर रहना पड़ेगा, वहीं इस क्षेत्र में आपराधिक घटनाएं बढ़ने की भी आशंका है। प्रवासी मजदूरों में ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश, बिहार व मध्य प्रदेश आदि राज्यों से है, जो आपराधिक प्रवृत्ति के हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण कुंजाहल से सिमी का आतंकवादी हथियारों समेत पकड़ा जाना है। उपरोक्त लोगों ने अपना रोष प्रकट कर सरकार व प्रशासन पर यह आरोप लगाया है कि जान-बूझकर इन गांंवों के लोगों को तंग किया जा रहा है। जब बद्दी में सरसा व बाल्द नदी के किनारे सैकड़ों बीघा भूमी खाली पड़ी है, जो कि ग्रामीण क्षेत्रों से काफी दूर है, वहां प्रवासी मजदूर कालोनी क्यों नहीं बनाई जाती। इसके बारे में जब तहसीलदार बद्दी विकास शुक्ला से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि सरकार के  आदेशानुसार ही टिपरा में प्रवासी कालोनी बनाने की योजना है। यह विषय सरकार पर ही निर्भर है कि कहां प्रवासी मजदूरों के लिए कालोनी बनाई जाएगी।
April 10th, 2011

No comments:

Post a Comment