Saturday, 14 May 2011

बदहाल सड़कें दुर्घटना की जड़

Nahan —  क्षेत्र में फिर एक हादसा! वजह वही, लेकिन इस बार भी वही सवाल कि क्या इस हादसे के बाद क्षेत्र की सड़कों की सूरत बदलेगी या फिर कुछ दिनों तक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जिला प्रशासन, आरटीओ व यातायात पुलिस कायदे कानूनों को रौंदने वाले बिना परमिट के वाहन व नौसिखिए वाहन चालक जो आम आदमी की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं, को खुला छोड़ देगी। केवल किसी क्षेत्र विशेष में नहीं, बल्कि समूचे जिला में नौसिखिए वाहन चालक प्रशासन व पुलिस की नाक तले बिना परमिट के वाहनों में सवारियां ढो रहे हैं। एक तरफ ओवर लोडिंग वाहन और दूसरी ओर खस्ताहाल सड़कें दुर्घटनाओं का मुख्य कारण रही हैं। जिला सिरमौर में सौ से अधिक ब्लाइंड स्पाट हैं, जो बाकायदा लोक निर्माण विभाग द्वारा चिन्हित किए गए हैं। मगर आज तक न तो उन ब्लाइंड स्पाट को चौड़ा किया गया है और न ही विभाग द्वारा इन अंधे मोड पर कोई सूचना पट्ट लगाए गए, ताकि वाहन चालक सचेत हो जाएं। एक वर्ष में जिला सिरमौर में दो दर्जन से अधिक सड़क हादसे हुए हैं, जिसका मुख्य कारण खस्ताहाल सड़कें तथा गाड़ी की तेज रफ्तार व नौसिखिए वाहन चालक रहे हैं। जिला में केवल दस प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं तकनीकी खराबी के कारण होती हैं। गत गुरुवार को शिलाई के टिबी में हुए सड़क हादसे की वजह खस्ताहाल सड़क तथा वाहन चालक द्वारा नियंत्रण खो देना बताया गया है। साथ यूटिलिटी में चालक ने तीस से अधिक लोग ठूस-ठूस कर भर रखे थे। यह केवल एक चालक की बात नहीं है, बल्कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में निगम की बसें न होने के कारण अकसर निजी वाहन चालक सवारियों को ठूस-ठूस कर भरते हैं, जो हादसे की बजह बन जाती है। टिबी में हुए हादसे में जहां पांच लोगों की मौत हो गई, वहीं करीब 25 लोग जख्मी हो गए। घायलों में एक दर्जन बच्चों की उम्र 16 वर्ष से कम बताई गई है। खस्ताहाल सड़क ने शुक्रवार रात रोनहाट के समीप सैंज खड्ड में 30 वर्षीय युवक की जिंदगी लील दी। अत्यधिक गड्ढे होने के कारण कार 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई। जानकारों का कहना है कि यदि सड़कों की दशा सुधारी जाए, तो सड़क हादसों में 70 प्रतिशत कमी आएगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात पुलिस को निजी वाहनों पर नजर रखनी होगी। यही नहीं, यदि शिलाई क्षेत्र की बात करें, तो इस क्षेत्र में निगम की मात्र तीन बसें सेवाएं दे रही हैं, जबकि सौ से अधिक निजी वाहन सवारियां ढो रहे हैं।
May 15th, 2011

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