सोलन — छावनी परिषद सुबाथू को छह दुकानों व तीन गोदामों की नीलामी से राजस्व में भारी वृद्धि प्राप्त हुई है। तीन वर्ष पूर्व जिन दुकानों की नीलामी करीब एक लाख साठ हजार रुपए में हुई थी, इस वर्ष उन दुकानों से सुबाथू छावनी को तीन लाख अस्सी हजार रुपए से अधिक की राशि प्राप्त हुई है। अभी एक दुकान और प्रवेश फीस बैरियर की नीलामी होनी बाकी है। सुबाथू छावनी परिषद द्वारा शुक्रवार को चार मीट की दुकानों, तीन गोदामों और बस अड्डे पर स्थित दो दुकानों की खुली बोली रखी गई थी। मीट की दुकानों की बोली आरंभ होते ही दुकानों को प्राप्त करने वालों में इतनी अधिक प्रतिस्पर्धा बढ़ गई कि पहली दुकान की बोली एक लाख 83 हजार रुपए तक जा पहुंची, जबकि पहले यही दुकान मात्र 13 हजार रुपए वार्षिक पर थी। हालांकि बोलीदाता बोली खत्म होने के बाद उसी वक्त जमा होने वाली निर्धारित की गई राशि जमा नहीं करवा पाया, जिससे इस दुकान की बोली रद्द कर दी गई, साथ ही बोलीदाता की पांच हजार रुपए की जमानत राशि भी जब्त हो गई। मीट मार्केट की दूसरी दुकान जो पहले 18 हजार रुपए वार्षिक पर थी, वह इस बार एक लाख सौ रुपए वार्षिक पर गई। तीसरी दुकान 22 हजार से बढ़ कर 33 हजार रुपए तक पहुंची, जबकि चौथी दुकान की बोली एक लाख बीस हजार पर जाकर छूटी। वहीं, आढ़त बाजार के तीन गोदाम करीब 13 हजार रुपए से 16 हजार रुपए प्रति गोदाम नीलाम हुए। बस स्टैंड सुबाथू की एक दुकान 19 हजार से बढ़कर 26 हजार और दूसरी दुकान 33 हजार तीन सौ से बढ़ कर 52 हजार रुपए वार्षिक के किराए पर नीलाम हुई। बता दें कि तीन वर्ष पूर्व उक्त सभी दुकानें एक लाख 59 हजार 800 रुपए के वार्षिक किराए पर नीलाम हुई थीं, लेकिन इस बार मीट मार्केट की दुकानों में बोलीदाताओं की प्रतिस्पर्धा से ये दुकानें तीन लाख 80 हजार 600 रुपए के वार्षिक किराए पर नीलाम हुईं, जिससे छावनी बोर्ड सुबाथू को दो लाख 21 हजार 600 रुपए की अतिरिक्त आय प्राप्त हुई है। छावनी बोर्ड सुबाथू के मुख्य अधिशाषी अधिकारी एसके माथुर ने बताया कि एक दुकान की बोली रद्द होने से उस दुकान की दोबारा नीलामी की जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले उक्त दुकानें तीन वर्ष के लिए नीलाम की जाती थीं, लेकिन इस बार से इन दुकानों को पांच वर्ष के लिए नीलाम किया गया है। इसके अलावा छावनी के प्रवेश शुल्क फीस के बैरियर की खुली नीलामी 11 मार्च को निर्धारित की गई है।
March 6th, 2011
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