सोलन — उपायुक्त सी पालरासु ने कहा कि महिला पंचायत प्रधानों की जगह उनके पति के कार्य करने की शिकायत मिलने पर प्रधान के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत चल रहे विकास कार्यों की जानकारी लेने का हर व्यक्ति हकदार है। उपायुक्त का कार्यभार ग्रहण करने के बाद बुधवार को पहली बार प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में उपायुक्त सी पालरासु ने कहा कि जिला में चल रहे मनरेगा के तहत विभिन्न विकास कार्यों को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा और इसमें हर स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला में मनरेगा के तहत इस वित्त वर्ष में 26 करोड़ रुपए के विकास कार्य हो चुके हैं और यह आंकड़ा 35 करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है। मनरेगा के अंतर्गत चल रहे कार्यों की मॉनीटरिंग को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से वह स्वयं जिला में चल रहे इन कार्यों का औचक निरीक्षण करेंगे। उन्होंने बताया कि जिला में मनरेगा के कार्यों की शिकायतों को सुनने के लिए लोकपाल की नियुक्ति की गई है, जहां जिला की जनता इन कार्यों से संबंधित शिकायतें एवं अनियमितता के बारे में जानकारी दे सकते हैं। उपायुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी पंचायत में यदि महिला प्रधान के पति की उसके स्थान पर कार्य करने की शिकायत मिलती है, तो उस पंचायत की महिला प्रधान पर निलंबन की गाज गिर सकती है। मनरेगा के कार्यों की जांच करने का हर व्यक्ति को पूरा अधिकार है और यदि किसी पंचायत का प्रधान मस्टररोल या अन्य जानकारी देने में आनाकानी करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और यह पंचायत प्रधानों के प्रशिक्षण शिविर के दौरान स्पष्ट तौर पर बताया जा चुका है। इस मौके पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी केसी चमन ने बताया कि पोलीथीन हटाओ अभियान के तहत इसका प्रयोग करने और प्लास्टिक का कूड़ा-कचरा इधर-उधर फेंकने पर डेढ़ लाख रुपए जुर्माने के तौर पर वसूल गया जा चुका है। उन्होंने बताया कि सभी पंचायतों में पोलीथीन संग्रहण केंद्र खोले गए हैं, जहां से प्लास्टिक का कचरा चार रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से लोक निर्माण विभाग को दिया जा सकता है। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्लास्टिक के कचरे का इस्तेमाल सड़क निर्माण कार्य में किया जाता है। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी टशी संडूप ने बताया कि संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत जिले की 196 पंचायतों को निर्मल पंचायत घोषित किया गया है और शेष सभी पंचायतें आने वाले समय में निर्मल घोषित की जा सकेंगी।
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