Friday, 11 March 2011

जापान में जलजला

टोक्यो — भूकंप के बाद उठी सुनामी लहरों ने पूर्वोत्तर जापान को तबाह करके रख दिया है। 140 साल के सबसे बड़े भूकंप के बाद आई सुनामी ने जापान में 200 से ज्यादा लोगों की जान ले ली। कई इमारतें ध्वस्त हो गईं और सैकड़ों छोटी-बड़ी गाडि़यों का तो पानी में पता ही नहीं चला। 8.9 की तीव्रता वाले जबरदस्त भूकंप के बाद सुनामी के चलते काफी नुकसान हुआ है। भूकंप के बाद करीब 80 भवनों में लपटें उठ खड़ी हुईं, वहीं सुनामी लहरें तटीय इलाकों में कई मकानों, कारों और पोतों को अपने साथ बहा कर ले गईं। जापान में 13 मीटर ऊंचीं लहरें उठीं। भूकंप गुरुवार रात दो बजकर 46 मिनट पर आया, जिसके बाद कई तगड़े झटके आए। अमरीकी भूगर्भ सर्वे ने भूकंप की तीव्रता 8.9 बताई, जबकि जापान के मौसम विज्ञान विभाग ने इसे 7.9 मापा। भूकंप के बाद मौसम विज्ञान विभाग ने जापान के पूरे प्रशांत महासागर के तट के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की। पूर्वी तट से करीब 125 किलोमीटर की दूरी पर 10 किलोमीटर की गहराई में भूकंप के झटके आए। यह इलाका टोक्यो से 380 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में है। टोक्यो में बड़ी संख्या में इमारतें हिलने लगीं और लोग सड़कों पर निकल आए। भूकंप के बाद टोक्यो में बिजली गुल हो गई और मोबाइलों ने काम करना बंद कर दिया। मंदी से उबर रहे जापान को इस आपदा ने बड़ी मुसीबत में डाल दिया है। उनकी अर्थव्यवस्था को भी तेज झटके लगे हैं। शेयर बाजार ने गोता लगाया है, साथ ही मुद्रा के दाम भी गिरे हैं। सुनामी के बाद 20 देशों में हाई अलर्ट की चेतावनी जारी कर दी गई है। इसके अलावा वहां स्थित भारतीय दूतावास में सभी अधिकारी सुरक्षित हैं।
March 12th, 2011

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