शिमला — पहली मेडिकल यूनिवर्सिटी हिमाचल में जल्द खोली जाएगी। इसके लिए बड़े स्तर पर विचार-विमर्श शुरू हो गया है, जिसमें यह तय किया जाना है कि किस उचित स्थान पर मेडिकल यूनिवर्सिटी को बनाया जाए। हिमाचल में मेडिकल यूनिवर्सिटी खोला जाना हिमाचल स्वास्थ्य शिक्षा के पन्ने में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा, क्योंकि यह एक ऐसा विश्वविद्यालय होगा जिसमें डाक्टर, नर्सिंग, पैरा मेडिकल शिक्षा को लिया जाएगा। जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य मंत्री भी अब जल्द ही हिमाचल मेडिकल क्षेत्र में एक नई यूनिवर्सिटी खोलने के कार्यक्रम को अमलीजामा पहनाने वाले हैं। गौर हो कि अभी प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में मेडिकल क्षेत्र के तहत उन तमाम कागजी कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है, जिसमें डाक्टर परीक्षा करवाने के साथ-साथ समय पर डाक्टरों का रिजल्ट निकालना भी शामिल है। आईजीएमसी में मेडिकल यूनिवर्सिटी खोलने से डाक्टरों की परीक्षा संबंधित सभी कार्य जल्द से जल्द निपटाए जाएंगे। छात्रों को विश्वविद्यालय के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे। डाक्टर संघ की मानें, तो आईजीएमसी में मेडिकल यूनिवर्सिटी खुलने से हमेशा सवालों के घेरे में रही एमबीबीएस परीक्षा आयोजित करने में भविष्य में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। आईजीएमसी में 100 सीटों पर एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो गई है। 65 से 100 की गई एमबीबीएस की सीटें किसी भी राज्य के लिए महत्त्वपूर्ण बात है। उधर, टांडा मेडिकल कालेज और आईजीएमसी में पीजी कोर्सिस को भी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से एक के बाद एक हरी झंडी मिल रही है। हिमाचल में स्वास्थ्य शिक्षा के दृष्टिगत तस्वीर साफ है कि वर्ष प्रतिवर्ष स्वास्थ्य शिक्षा का काम बढ़ता चला जा रहा है। हिमाचल में एलोपैथी ही नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक क्षेत्र में आयोजित परीक्षाओं को भी नई मेडिकल यूनिवर्सिटी खुलने से काफी लाभ मिल पाएगा।
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