Friday, 25 March 2011

श्रीश्री रविशंकर के आगमन से कांगड़ा के होटलों की चांदी

 धर्मशाला आर्ट आफ लिविंग की हलचल के बीच धर्मशाला ने तीन दिन के भीतर तीन करोड़ कमाए। इस दौरान सबसे बड़ा लाभ कांगड़ा जिला के होटल व्यवसायियों को हुआ है। इन तीन दिनों में टैक्सी यूनियन के भी वारे-न्यारे रहे। शहर के छोटे से छोटे खोखे वाले को भी श्रीश्री रविशंकर का महासत्संग धनवर्षा कर गया। इस संस्था के लाखों अनुयायी मिडल क्लास फैमली से जुड़े होने के कारण सभी ने होटलों में कमरे ले रखे थे। आयोजकों के अनुसार धर्मशाला, मकलोडगंज, पालमपुर, कांगड़ा सहित जिला भर में अढ़ाई हजार के करीब होटलों के कमरे किराए पर ले रखे थे। इस अवधि के दौरान इतनी ही टैक्सियों को महासत्संग ने रोजगार दिया है। जिला का कोई भी रेस्ट हाउस खाली नहीं था। आयोजन से पहले ही धर्मशाला तथा इसके आसपास के सभी होटल पूरी तरह पैक हो गए थे। मकलोडगंज तथा नड्डी में भी होटल का कोई कमरा खाली नहीं था। छोटे गेस्ट हाउस में भी तिल धरने को जगह नहीं बची थी। इन होटलों को मिली बुकिंग के अलावा आर्ट आफ लिविंग के अनुयायियों ने फूड पर भी खर्च किया है। इसके अलावा शहर में कोल्डड्रिंक्स, फास्ट फूड की भी डटकर बिक्री हुई है। लिहाजा धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में आयोजित श्रीश्री रवि शंकर का यह महासत्संग धर्मशाला के लिए आनंदोत्सव साबित हुआ है। आयोजकों की मानें तो इस महासत्संग के लिए तीन दिन पहले ही पांच हजार से अधिक अनुयायी बाहरी राज्यों से धर्मशाला पहंुच चुके हैं। ठहरने, खान-पान तथा टैक्सी समेत इन अनुयायियों से धर्मशाला को प्रतिदिन एक करोड़ का बिजनेस मिला है। उनका कहना है कि इस महासत्संग में सैकड़ों अनुयायी संस्था को डोनेशन देते हैं। इसके चलते इसके बेसिक कोर्स के लिए भी नाममात्र 1100 रुपए का शुल्क लिया जाता है।
March 26th, 2011

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