Saturday, 26 March 2011

मानव नहीं जानता, कैसे मिलेगा मोक्ष

बद्दी  —  बिरला के प्रांगण  में चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन शनिवार को राजहंस मनोज मोहन शास्त्री ने जड़भरत चरित्र व प्रहलाद चरित्र का विस्तार से व्याख्यान किया, जिस पर पंडाल में बैठे सैकड़ों श्रद्धालु कृष्ण जी के रंग में डूब गए। उन्होंने कहा कि आज का मानव इस बात को भूल गया है कि वह इस संसार में क्या करने आया है और उसकी भूमिका क्या है। उन्होंने कहा कि भौतिकवाद की दौड़ में आज हम यह भूल चुके हैं कि हमारा अस्तित्व क्या है और हमें मोक्ष कैसे मिलना है। उन्होंने कहा कि अगर हमें अपने जीवन को सफल बनाना है, तो हमें भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के बारे में विस्तार से जानना और पढ़ना होगा, ताकि हमारा जीवन सफल हो सके। उन्हांेने कहा कि आज कृष्ण जी को अमर हुए 5500 साल हो गए हैं, लेकिन उनका संदेश हर भारतवासी को जीवन की राह दिखाता है और इसी कारण से पौराणिक काल की तरह आज भी भारत विश्वगुरु के रूप में जिंदा है। डा. मनोज मोहन शास्त्री ने कहा कि भागवत कथा जाति धर्म से ऊपर उठकर अद्भुत और अलौकिक सुखों का समावेश है और इसको सुनने से हमारे जन्म-जन्मांतर के कष्ट दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज जो समय चल रहा है, उसके बाद हमारी नैतिकता अवश्य आहत होती है, लेकिन हर युग में सत्य असत्य होते हैं, लेकिन कंस को हमने पहचाना है। उन्होंने राजनेताओं को सलाह दी कि वे अपना जीवन सात्विक बनाकर सिर्फ देश कल्याण के बारे में सोचंे। शास्त्री जी ने आगे कहा कि भगवान कृष्ण के जीवन में पूरे समाज का समावेश है, क्योंकि उन्हांेने आज से हजारों साल पहले लोकमंगल की भावना से समाज में चेतना व प्रेरणा लाकर सामाजिक कुरीतियों को दूर किया था। इस अवसर पर बिरला के गु्रप प्रेजिडेंट सुरेश खंडेलिया, मंजु खंडेलिया, कार्यकारी अध्यक्ष डीएल बिरला, शांता बिरला, रमेश शर्मा, एचसी महेश्वरी व अरविंद अग्रवाल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
March 27th, 2011

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