सोलन — बंदरों के आतंक को रोकने के लिए डा. वाईएस विश्वविद्यालय नौणी ने कई योजनाएं तैयार की हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति डा. केआर धीमान ने कहा कि विश्वविद्यालय में शीघ्र ही एक मंकी पार्क बनाया जाएगा, इसके लिए विश्वविद्यालय ने अपनी भूमि में पांच हेक्टेयर भूमि का चयन कर लिया है। इस भूमि को लोहे की जाली व कांटेदार तार लगाकर कवर किया जाएगा तथा बंदरों को पकड़कर उस पार्क में इस प्रकार रखा जाएगा, ताकि उन्हें प्राकृतिक तौर पर ही भोजन व जल प्राप्त हो सके। इसके लिए चयनित भूमि में फलदार पौधे भी लगाए जाएंगे तथा बंदरों को विभिन्न क्षेत्रों से पकड़ने के लिए वन विभाग की सहायता भी ली जाएगी। नौणी विश्वविद्यालय द्वारा अपने स्तर पर इस तरह का प्रथम प्रयास किया जा रहा है तथा शीघ्र ही प्रदेश सरकार को इसका विस्तृत प्रोपोजल भेजा जाएगा। फसलों व फलों पर बंदरों के होने वाले आतंक को रोकने के लिए बागबानी क्षेत्र में बागबानों को विश्वविद्यालय द्वारा सलाह दी जा रही है कि उसके स्थान पर हरड़, बहेड़ा, रीठा तथा औषधीय पौधों को अधिक मात्रा में लगाया जाए। इससे बागबानों की आय भी ठीक रहेगी और बंदर इनको नुकसान भी नहीं पहंुचाते। कृषि क्षेत्र में बंदरों से हो रहे नुकसान के बारे में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डा. केआर धीमान ने कहा कि जहां किसान लोग सब्जियां उगाते हैं, उन सब्जियों के चारों तरफ दो पंक्तियों में भिंडी के पौधे लगाएं। भिंडी के पौधों में बंदर छलांग लगाकर नहीं जाता, जिससे नुकसान नहीं होता।
March 27th, 2011
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