सोलन — इस वर्ष लोगों को गर्मियों के दिनों में पेयजल की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा। मार्च के महीने में प्रत्येक वर्ष जिला की करीब 200 पेयजल योजनाओं में जल स्तर घटने लगता है, लेकिन इस वर्ष इन पेयजल योजनाओं का जल स्तर बढ़ रहा है। सोलन में रुक-रुक कर हो रही बारिश से इन पेयजल योजनाओं को संजीवनी मिली है। इंद्रदेव के मेहरबान होने से जहां विभाग की करीब 25 से 30 लाख रुपए तक की बचत होगी, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले करीब एक लाख से अधिक लोगों को पेयजल समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार कई वर्षों के बाद इस बार जनवरी व फरवरी के महीने में जमकर बारिश हुई है। मौसम विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जनवरी के महीने में 23.2 एमएम,जबकि फरवरी माह में भी 61 एमएम बारिश हो चुकी है। मार्च महीने में भी वर्षा का क्रम जारी है। पिछले कई महीनों से रुक- रुक कर हो रही बरसात का सबसे अधिक फायदा आईपीएच विभाग की पेयजल योजनाओं को हुआ है। आईपीएच विभाग के सोलन मंडल में प्रत्येक वर्ष 80 से अधिक पेयजल योजनाओं का जल स्तर घटने लगता है, जबकि इनमें से करीब 35 पेयजल योजनाएं तो ऐसी हैं, जो सूखने की कगार पर पहुंच जाती हैं। इसी प्रकार नालागढ़ व अर्की मंडल की भी 100 से अधिक पेयजल योजनाएं कम बारिश की वजह से प्रभावित हो जाती हैं। इन क्षेत्रों में भी लोगों को पेयजल आपूर्ति न मिलने से पीने के पानी की समस्या से परेशान होना पड़ता है। सोलन जिला में करीब एक लाख से अधिक आबादी प्रत्येक वर्ष गर्मियों के दिनों में पीने के पानी की समस्या से परेशान रहती है। आईपीएच विभाग की मानें, तो इस वर्ष गर्मियों के दिनों में इतनी अधिक पीने के पानी की समस्या नहीं रहेगी। मार्च का महीना शुरू हो चुका है और विभाग की अधिकतर पेयजल योजनाओं का जल स्तर अभी तक कायम है। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी व मैदानी क्षेत्रों में जमकर बरस रहे बादलों की वजह से भूमिगत जल स्तर बढ़ रहा है, जिसके कारण पेयजल योजनाओं का जल स्तर अभी कम नहीं हुआ है, जबकि मार्च के महीने में आमतौर पर अधिकतर पेयजल योजनाओं का जल स्तर घटने लगता है। यदि इसी प्रकार बारिश होती रही, तो इस वर्ष लोगों को पीने के पानी की समस्या नहीं आएगी, वहीं आईपीएच विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में टैंकर के माध्यम से पानी की आपूर्ति दिए जाने के लिए करीब 25 से 30 लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन यदि इंद्रदेव इसी प्रकार मेहरबान रहे, तो विभाग के लाखों रुपए भी बच सकते हैं। आईपीएच विभाग सोलन के अधिशाषी अभियंता हेमंत तनवर का कहना है कि अभी तक पीने के पानी की समस्या नहीं है। समय-समय पर बारिश होने की वजह से पेयजल योजनाओं का जल स्तर बना हुआ है। यदि वर्षा होती रही, तो गर्मियों के दिनों में पानी की समस्या नहीं रहेगी।
March 4th, 2011
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