सोलन — श्मशानघाट में अब अंतिम संस्कार लकड़ी से नहीं, बल्कि एलपीजी से किया जाएगा। श्मशान सुधार समिति द्वारा चंबाघाट में गैस की भट्ठी सहित कई अन्य सुविधाएं भी जुटाई जा रही हैं। समिति ने अब तक लोगों द्वारा दिए गए दान से 13 लाख रुपए की राशि जुटा ली है। इतनी ही राशि प्रदेश सरकार से मिलने के बाद श्मशानघाट में मूलभूत सुविधाएं जुटाए जाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। वर्तमान में चंबाघाट स्थित श्मशानघाट में नगर परिषद द्वारा प्रत्येक वर्ष शवों के अंतिम संस्कार के लिए करीब सात लाख रुपए की लकड़ी जलाई जाती है। लोगों को कई बार अंतिम संस्कार के लिए उपयुक्त लकड़ी ही नहीं मिल पाती है, जबकि इसके अलावा चंबाघाट में बैठने के लिए भी स्थान का अभाव है। इन समस्याओं को मद्देनजर रखते हुए शहर के कुछ लोगों ने श्मशान सुधार समिति का गठन किया है। इस समिति में 31 लोगों को पदाधिकारी व सदस्य चुना गया है। यह समिति सोलन शहर में श्मशानघाट को हाईटेक करने के लिए लोगों से दान एकत्रित कर रही है। हाल ही में मेरीडियन ग्र्रुप के अध्यक्ष विनोद गुप्ता ने समिति को 11 लाख रुपए दान दिए हैं, जबकि इसके अलावा समिति ने दो लाख की राशि अन्य लोगों द्वारा दिए गए दान से जुटा ली है। अब समिति के खाते में करीब 13 लाख रुपए हैं, जबकि श्मशानघाट में गैस की भट्ठी व अन्य सुविधाओं को जुटाने के लिए करीब 30 लाख रुपए खर्च होना है। केवल गैस की भट्ठी की कीमत ही करीब तीस लाख रुपए बताई जा रही है।इस भट्ठी में एक समय में एक शव को जलाया जा सकेगा। भट्ठी को खरीदे जाने से पूर्व समिति ने प्रदेश सरकार से भी बजट की मांग की है।श्मशान सुधार समिति के सदस्य पवन गुप्ता ने बताया कि गैस की भट्ठी जल्द ही खरीदी जा रही है।
March 3rd, 2011
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